
चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के नियमों में बदलाव किया है, जिसका उद्देश्य पोस्टल बैलेट की गिनती को अधिक महत्व देना और प्रक्रिया में एकरूपता लाना है।
नया नियम और प्रक्रिया
- EVM काउंटिंग में रुकावट: अब, यदि पोस्टल बैलेट की गिनती में देरी होती है, तो EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) काउंटिंग को रोक दिया जाएगा।
- अंतिम चरण पर रोक: चुनाव आयोग के नए नियम के अनुसार, जब तक बैलेट की गिनती पूरी नहीं हो जाती, तब तक EVM के अंतिम या सेकंड लास्ट राउंड की गिनती शुरू नहीं की जाएगी।
- समय-सीमा: वर्तमान में, बैलेट वोटों की गिनती सुबह 8:00 बजे शुरू होती है, और EVM काउंटिंग 8:30 बजे शुरू की जाती है। पहले, कई काउंटिंग सेंटर पर EVM की गिनती जल्दी पूरी हो जाती थी, जबकि बैलेट गिनती लंबित रहती थी।
- उद्देश्य: इस बदलाव का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि पोस्टल बैलेट की गिनती EVM से पहले पूरी हो जाए, जिससे परिणाम घोषित करने में एक सुव्यवस्थित और चरणबद्ध प्रक्रिया का पालन हो सके।
काउंटिंग टेबल में वृद्धि: यदि पोस्टल बैलेट की संख्या अधिक होती है, तो उनकी गिनती तेजी से पूरी करने के लिए काउंटिंग टेबल की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
चुनाव आयोग का रुख और वोटर लिस्ट में बदलाव
चुनाव आयोग ने कहा कि यह कदम मतगणना प्रक्रिया में समानता और ज्यादा पारदर्शिता लाएगा, खासकर उन सेंटरों पर जहां पोस्टल वोटों की बड़ी संख्या में गिनती की जाती है। आयोग के अनुसार, इस बदलाव से सभी वोटों की गिनती सही तरीके से और बिना किसी पक्षपात के पूरी हो सकेगी।
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने/हटाने के नियम बदले

चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) से नाम हटाने या जोड़ने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है।
- ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य: अब, वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, हटाने या उस पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 'ई-साइन' फीचर का उपयोग करते हुए ई-वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
- OTP प्रक्रिया: न्यूज़ एजेंसी PTI के अनुसार, आवेदक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP (वन-टाइम पासवर्ड) भेजा जाएगा।
- उद्देश्य: यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि आवेदन करने वाला व्यक्ति वही है, जिसका नाम या नंबर इस्तेमाल किया गया है। 23 सितंबर से पहले ई-वेरिफिकेशन की आवश्यकता नहीं थी। एक अधिकारी ने बताया कि यह नई सुविधा किसी और का नाम या मोबाइल नंबर उपयोग करके फॉर्म भरने जैसे दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगी।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आलंद (Aland) विधानसभा सीट पर मतदाता सूची से नाम हटाने के संबंध में लगाए गए आरोपों पर स्थिति अलग थी।
आवेदनों की जांच और अस्वीकृति
- चुनाव आयोग के अनुसार, कोई भी मतदाता ऑनलाइन फॉर्म-7 भरकर अपने क्षेत्र की वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन केवल फॉर्म जमा करने से नाम स्वतः नहीं हटता। प्रत्येक आवेदन की जांच की जाती है।
- आलंद क्षेत्र में, कुल 6,018 फॉर्म-7 जमा किए गए थे।
- जांच के बाद, इनमें से केवल 24 आवेदन सही पाए गए और उन्हें स्वीकार किया गया।
शेष 5,994 आवेदन गलत पाए गए और उन्हें खारिज कर दिया गया।
वोटर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में नया बदलाव
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से संबंधित फॉर्म भरने वाले आवेदकों के लिए पहचान सत्यापन (ID Verification) अनिवार्य कर दिया है:
- सत्यापन आवश्यक फॉर्म: नए वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म 6, नाम शामिल करने/हटाने के प्रस्ताव पर आपत्ति के लिए फॉर्म 7, और सुधार के लिए फॉर्म 8 भरने वाले आवेदकों को अब अपनी पहचान वेरिफाई करानी होगी।
- पुराना तरीका (मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार): मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पहले आयोग के ऐप और पोर्टल पर लोग केवल अपना मोबाइल नंबर और वोटर आईडी (EPIC) नंबर डालकर आवेदन कर सकते थे, और उस समय यह जांच नहीं होती थी कि दी गई जानकारी उसी व्यक्ति की है या नहीं।
- नया फीचर: अब ECINet पोर्टल पर एक नया फीचर दिखाई दे रहा है, जो जानकारी की पुष्टि करना अनिवार्य बनाता है। हालाँकि, चुनाव आयोग ने अभी तक इस बदलाव की आधिकारिक घोषणा नहीं की है।