भारत-पाक जल विवाद: पाकिस्तान का आरोप, ‘भारत ने जानबूझकर छोड़ा पानी’
पाकिस्तान के मंत्री अहसान इकबाल ने भारत पर आरोप लगाया है कि उसने जानबूझकर बांधों से पानी छोड़ा, जिससे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भीषण बाढ़ आ गई।इकबाल के अनुसार, भारत ने रावी, सतलुज और चिनाब नदियों में अचानक पानी छोड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 7 लोगों की मौत हुई और हजारों एकड़ जमीन जलमग्न हो गई।अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में इस साल जून से अब तक बाढ़ और भूस्खलन के कारण कुल 776 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 197 बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा, 993 लोग घायल हुए हैं और 4,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।


पाकिस्तान का भारत पर पानी को हथियार' बनाने का आरोप
पाकिस्तान के मंत्री अहसान इकबाल ने भारत पर पानी को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करने का गंभीर आरोप लगाया है। एक वीडियो में उन्होंने कहा कि भारत नदियों के पानी को रोककर अचानक छोड़ देता है, जिससे पाकिस्तान में जान-माल का भारी नुकसान होता है।इकबाल ने कहा कि पानी जैसे संवेदनशील मुद्दे को राजनीति से दूर रखना चाहिए। उन्होंने भारत पर यह भी आरोप लगाया कि उसने पानी छोड़ने से पहले पाकिस्तान को समय पर कोई सूचना नहीं दी, जो एक बड़ी लापरवाही है।पाकिस्तान के अनुसार, भारत द्वारा अचानक पानी छोड़े जाने से रावी, सतलुज और चिनाब नदियों में बाढ़ आ गई, जिसके कारण पंजाब प्रांत में हजारों एकड़ ज़मीन जलमग्न हो गई।


पाकिस्तान ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए सिंध प्रांत में अलर्ट जारी किया है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने सरकार को निर्देश दिया है कि सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने भी अधिकारियों को बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि बाढ़ से हुए नुकसान का पूरा हिसाब रखा जाए और लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोका जाए।
भारत ने 4 दिन पहले ही बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी थी। जम्मू-कश्मीर में तवी नदी में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, भारत ने मानवीय सहायता के रूप में यह जानकारी पाकिस्तान के साथ साझा की थीभारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह कदम पूरी तरह से मानवीय आधार पर उठाया गया था। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग ने रविवार को ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को बाढ़ के बारे में सूचित कर दिया था। यह पहली बार था जब इस तरह की जानकारी सीधे उच्चायोग के माध्यम से दी गई थी।