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वेस्ट बैंक पर इजराइल का कब्ज़ा मंज़ूर नहीं; नेतन्याहू अगले हफ्ते अमेरिका जाएंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वेस्ट बैंक पर इजराइली कब्जे को अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह इसे कभी अनुमति नहीं देंगे।हाल ही में, इजराइल के अधिकारियों ने वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को इजराइल में मिलाने के संकेत दिए थे। इसी संदर्भ में, ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में अपनी बात रखी, और कहा कि यह अब बहुत हो चुका है।वेस्ट बैंक विवाद और राजनयिक गतिविधियाँ

हाल ही में, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे कई देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता प्रदान की, जिसका इजराइल ने कड़ा विरोध किया। इस घटनाक्रम के बाद, इजराइली अधिकारियों ने वेस्ट बैंक पर कब्जे को लेकर बयान देना शुरू कर दिया था।इस बीच, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अगले सप्ताह सोमवार को अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। इस दौरान उनकी और अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात व्हाइट हाउस में होगी।

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वेस्ट बैंक का क्षेत्र जॉर्डन के पश्चिम और येरुशलम के पूर्व में स्थित है।

कब्ज़े का घटनाक्रम

  • 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के बाद, इस क्षेत्र पर जॉर्डन का नियंत्रण हो गया था। जॉर्डन नदी के पश्चिम में होने के कारण इसे "वेस्ट बैंक" (पश्चिमी किनारा) नाम दिया गया।
  • 1967 में हुए "छह दिवसीय युद्ध" के दौरान, इजराइल ने इस इलाके को जॉर्डन से छीन लिया और तब से यहाँ उसका कब्ज़ा बना हुआ है।
  • इस क्षेत्र में 30 लाख से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से अधिकांश फिलिस्तीनी हैं। इजराइल ने कब्ज़े के बाद यहाँ कई यहूदी बस्तियाँ स्थापित की हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत अवैध माना जाता है।

राजनयिक दबाव और 'दो राष्ट्र समाधान'

अरब देशों का विरोध

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो लंबे समय से नेतन्याहू के करीबी रहे हैं, अब अरब नेताओं के दबाव का सामना कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने चेतावनी दी है कि वेस्ट बैंक पर किसी भी प्रकार के इजराइली कब्ज़े को "रेड लाइन" माना जाएगा। ट्रम्प ने आश्वासन दिया है कि वह इजराइल को ऐसा कोई कदम नहीं उठाने देंगे जिससे अरब देशों के नेताओं में नाराजगी पैदा हो।

भविष्य के राज्य की मांग

फिलिस्तीनी वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी को भविष्य के अपने राज्य का हिस्सा मानते हैं—ये वही क्षेत्र हैं जिन पर इजराइल ने 1967 के युद्ध में कब्ज़ा किया था। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि इजराइल द्वारा वेस्ट बैंक पर कब्ज़ा करने से “दो राष्ट्र समाधान”की संभावना, यानी एक अलग फिलिस्तीनी देश के निर्माण की संभावना, समाप्त हो जाएगी।

इजराइल की वर्तमान स्थिति

इजराइल की मौजूदा सरकार फिलिस्तीनी राष्ट्र के गठन का विरोध करती है और वेस्ट बैंक के अधिकतम हिस्सों को अपने में मिलाना चाहती है।

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