मध्य प्रदेश में अवैध खनन की कहानी
पिछले एक साल में प्रदेशभर में अवैध उत्खनन और परिवहन के 10,956 मामले दर्ज किए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इन मामलों में सिर्फ जुर्माने की कार्रवाई की गई, जबकि कानून के तहत गंभीर मामलों में जेल तक की सजा का प्रावधान मौजूद है।
खनन माफिया की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि कई बार वे खनिज अधिकारियों और रोकथाम के लिए पहुंचे अमले पर हमला तक कर देते हैं। हालात इतने बिगड़े कि पिछले साल भिंड में अवैध खनन रोकने गए एक प्रशिक्षु पुलिस अधिकारी की जान तक चली गई।
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे इन मामलों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या केवल जुर्माना भरवाना ही पर्याप्त है या अब सख्त सजा का समय आ चुका है?