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जानवरों की बिक्री-खरीद कानूनी हथिनी की शिफ्टिंग पर जैन मठ से विवाद

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सुप्रीम कोर्ट से अंबानी के वनतारा को क्लीनचिट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रिलायंस फाउंडेशन के जामनगर स्थित वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर को क्लीनचिट दे दी है। कोर्ट ने कहा कि सेंटर में जानवरों की खरीद-बिक्री नियमों के दायरे में हुई है।जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस पी.बी. वराले की बेंच ने विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है।इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दो जनहित याचिकाओं (PIL) पर SIT बनाने का आदेश दिया था। ये याचिकाएं वकील सी.आर. जया सुकीन और देव शर्मा ने जुलाई में कोल्हापुर के एक जैन मठ से हाथी 'माधुरी' को वनतारा ले जाने के बाद उठे विवाद के चलते दायर की थीं।

वनतारा जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी

सुप्रीम कोर्ट में वनतारा के वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए। उनका तर्क था कि कुछ मीडिया आउटलेट्स, जैसे न्यूयॉर्क टाइम्स, केवल रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को प्रकाशित कर गलत जानकारी फैला सकते हैं। इस पर, सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताते हुए कहा कि रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी।

SIT ने 12 सितंबर को रिपोर्ट सौंपी

चार सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने किया। टीम में जस्टिस राघवेंद्र चौहान (उत्तराखंड व तेलंगाना HC के पूर्व चीफ जस्टिस), मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले, और कस्टम अधिकारी अनिश गुप्ता शामिल थे।

इस SIT ने 12 सितंबर को अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी, जिसकी कोर्ट ने सराहना की और समिति को मानदेय देने का निर्देश भी दिया।

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SIT की जांच के मुख्य बिंदु

SIT ने अपनी जांच में पाँच प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया:

  1. जानवरों के अधिग्रहण में नियमों का पालन: यह जांच की गई कि भारत और विदेश से, विशेषकर हाथियों के अधिग्रहण में, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, चिड़ियाघरों के नियम, अंतरराष्ट्रीय प्रजाति व्यापार संधि (CITES), आयात-निर्यात कानूनों और अन्य वैधानिक आवश्यकताओं का पालन किया गया है या नहीं।
  2. पशु कल्याण और देखभाल: पशुपालन के मानकों, पशु-चिकित्सा देखभाल, पशु कल्याण, जानवरों की मृत्यु दर और उनके कारणों, साथ ही जलवायु और स्थान संबंधी शिकायतों की जाँच की गई।
  3. निजी संग्रह और तस्करी के आरोप: निजी संग्रह बनाने, प्रजनन और संरक्षण कार्यक्रमों, जैव विविधता संसाधनों के उपयोग, कानूनी उल्लंघनों, वन्यजीव तस्करी और पशु उत्पादों के व्यापार से जुड़े आरोपों की भी जांच की गई।
  4. वित्तीय अनुपालन: वित्तीय अनुपालन, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य संबंधित वित्तीय मुद्दों की शिकायतों पर गौर किया गया।
  5. अतिरिक्त जानकारी: इन सभी बिंदुओं के अलावा, SIT ने याचिकाकर्ताओं, अधिकारियों, नियामकों, हस्तक्षेपकर्ताओं और पत्रकारों से भी जरूरत के अनुसार जानकारी ली।

    हथिनी माधुरी को लेकर विवाद

हथिनी माधुरी की सेहत को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब PETA इंडिया ने उसकी खराब स्थिति (गठिया और मानसिक तनाव) पर चिंता जताई। इसके बाद, 16 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने माधुरी को जामनगर स्थित वनतारा में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।इससे पहले दिसंबर 2024 में भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए उसे वनतारा में भेजने का आदेश दिया था। 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस आदेश को सही ठहराया। यह पूरा मामला 2023 से चल रहा है।माधुरी को वनतारा भेजे जाने के विरोध में जुलाई के आखिरी हफ्ते में कोल्हापुर में प्रदर्शन हुए। लोगों ने उसे वापस लाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया और आरोप लगाया कि इस कदम से धार्मिक परंपराओं और भावनाओं को ठेस पहुंची है।

कोर्ट ने वनतारा को पक्षकार बनाने का दिया निर्देश

माधुरी को वापस लाने की मांग वाली याचिका पर पहली सुनवाई 14 अगस्त को हुई। इस दौरान, जस्टिस पंकज मित्तल और पीबी वराले की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील सी.आर. जया सुकीन से पूछा कि वे वनतारा पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि उसे याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया है।अदालत ने वकील को वनतारा को पक्षकार बनाने और फिर से मामले की सुनवाई के लिए आने को कहा। इसके लिए 25 अगस्त की तारीख तय की गई। इससे पहले, मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ 11 अगस्त को हथिनी को वनतारा भेजने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई थी।

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जैन मठ में 32 साल से रह रही थी हथिनी माधुरी

कोल्हापुर के नांदणी गांव के जैन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी संस्थान मठ में हथिनी माधुरी को 1992 में लाया गया था। इस जैन मठ में पिछले 700 सालों से हाथी पालने की परंपरा चली आ रही है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का एक अहम हिस्सा है।माधुरी को जब इस मठ में लाया गया था, तब वह सिर्फ 4 साल की थी। वह पिछले 32 सालों से यहीं रह रही थी।


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