'द बंगाल फाइल्स' पर बोले निर्माता अभिषेक अग्रवाल: "अब डरने का सवाल ही नहीं"
‘द कश्मीर फाइल्स’ के बाद निर्माता अभिषेक अग्रवाल की नई फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ भी विवादों में आ गई है। खासकर पश्चिम बंगाल में इसका जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। इसके बावजूद फिल्म 5 सितंबर को रिलीज हो रही है।
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि उन्हें धमकियों की आदत हो चुकी है। उन्होंने कहा,
"हम जो दिखा रहे हैं, वह इतिहास का एक पहलू है। सच को दिखाने से डरने वाले नहीं हैं।"
उन्होंने ये भी कहा कि वह इंडस्ट्री में कई मुश्किलों से गुज़रकर यहां तक पहुंचे हैं, और अब कोई दबाव उन्हें पीछे नहीं हटा सकता।

बिजनेस से फिल्मों तक का सफर: अभिषेक अग्रवाल ने कैसे बदला अपना रास्ता?
जब अभिषेक अग्रवाल से पूछा गया कि व्यापारिक पृष्ठभूमि से होने के बावजूद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम क्यों रखा, तो उन्होंने खुलकर अपनी यात्रा साझा की।
अभिषेक ने बताया, “मैं एक मारवाड़ी परिवार से हूं, जहां फिल्मों से किसी का कोई नाता नहीं रहा। मेरी शुरुआत एक तेलुगु फिल्म ‘गोणाचार्य’ से हुई। इसके बाद मैंने निखिल के साथ ‘क्रैक पार्टी’ बनाई।"
इसी दौरान उन्हें डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर फिल्म बनाने का विचार आया, और इस सिलसिले में उनका मुंबई आना-जाना शुरू हुआ। वहीं उनकी मुलाकात फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री से हुई।
“कश्मीर को लेकर हमारी सोच काफी मिलती-जुलती थी,” अभिषेक ने बताया। “इस आपसी समझ और विचारों की समानता से ही ‘द कश्मीर फाइल्स’ का जन्म हुआ।”

अभिषेक अग्रवाल बोले: "विरोध और धमकियाँ अब नई बात नहीं, सच्चाई से पीछे नहीं हटते"
निर्माता अभिषेक अग्रवाल से जब पूछा गया कि क्या उन्हें भी निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की तरह उनकी फिल्मों को लेकर धमकियों या विरोध का सामना करना पड़ा है, तो उन्होंने बेझिझक जवाब दिया।
उन्होंने कहा, “‘द कश्मीर फाइल्स’ की रिलीज हो या अब ‘द बंगाल फाइल्स’, दोनों फिल्मों के दौरान कई तरह की रुकावटें आईं। अब इन हालातों की आदत-सी हो गई है।”
हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि परिवार, खासकर उनकी मां, हमेशा चिंतित रहती हैं। “फिल्म की शूटिंग के दौरान मेरी मां हर कुछ घंटों में फोन कर हालचाल लेती थीं,” उन्होंने बताया।
विवेक अग्निहोत्री की तारीफ करते हुए अभिषेक ने कहा, “वो बेझिझक और निडर हैं। चाहे ‘कश्मीर फाइल्स’ हो या ‘ताशकंद फाइल्स’, उन्होंने पूरी तरह खुद को उस विषय में समर्पित कर दिया।”
अंत में उन्होंने दो टूक कहा, “हम जो दिखाते हैं, वो सच होता है। और अगर किसी को लगता है कि हम गलत हैं, तो वो भी सामने आकर सच दिखाएं – किसने रोका है?”
अभिषेक अग्रवाल बोले: "सच दिखाना दरार नहीं, ज़िम्मेदारी है"
निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी को सच से दिक्कत है, तो उसे खुद सोचने की ज़रूरत है।
“कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाना अगर गलत है, तो इतने सालों से ये मुद्दे चुप क्यों थे?”
उन्होंने कहा कि फिल्म से कमाई पर सवाल उठाने वालों को यह भी देखना चाहिए कि एक फिल्म बनाने में कितनी रिस्क होती है।
"सबको प्रॉफिट दिखता है, पर कोई ये नहीं पूछता कि नुकसान या खतरे के वक्त कौन साथ आता है।”
‘इंडिया हाउस’ की 35% शूटिंग पूरी हो चुकी है और कलाम साहब पर बनी फिल्म 2026 में रिलीज होगी। अभिषेक बोले, “उन्हें ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर लाना मेरा सपना था।”

अभिषेक अग्रवाल बोले: "सनातन संस्कृति मेरी आत्मा में है"
'कार्तिकेय 2' और 'महा अवतार नरसिम्हा' जैसी फिल्मों के बाद अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि वो सनातन संस्कृति पर और भी फिल्में बनाएंगे।
"ये सिर्फ कथाएं नहीं, हमारे पूर्वजों की सच्चाई है।" उन्होंने बताया कि उनकी रिसर्च टीम अगली फिल्मों पर काम कर रही है।
सबसे यादगार कॉम्प्लिमेंट?
"एक लड़की हैदराबाद ऑफिस आकर सिर्फ मुझे धन्यवाद कहने आई," अभिषेक ने बताया।
"उसकी आंखों में आंसू और दिल में भावनाएं थीं। तब महसूस हुआ कि मैंने किसी के दर्द को आवाज दी है।"
"फिल्मों में आना सबसे बड़ा चैलेंज था" — अभिषेक अग्रवाल
निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने अपने फिल्मी सफर की सबसे बड़ी चुनौती को लेकर कहा कि शुरुआत में परिवार को मनाना सबसे मुश्किल था। उन्होंने बताया,
"मैं एक बुरा दौर देख चुका था। एक फिल्म फ्लॉप हुई, तो खुद पर से भरोसा उठने लगा था।"
वो दौर तब बदला जब उनके छोटे बेटे ने उन्हें फिर से हिम्मत दी, और कुछ ही दिनों बाद ‘द कश्मीर फाइल्स’ उनके पास आई, जिसने उनकी ज़िंदगी बदल दी।
'द बंगाल फाइल्स' पर क्या बोले अभिषेक?
"हमारा मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं, बल्कि सच्चाई सामने लाना है," अभिषेक ने कहा।
उन्होंने दर्शकों से अपील की—
“अगर किसी बात से दुख पहुंचा हो, तो हमें माफ करें। हमें आपका प्यार और साथ चाहिए।”