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जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन के बाद यात्रा रोक दी गई है। यह दुखद घटना 26 अगस्त को दोपहर करीब 3 बजे भारी बारिश के कारण हुई थी। हादसे में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है।यात्रा स्थगित होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु रास्ते में फंस गए हैं। कई यात्री कटरा के होटलों में रुक कर यात्रा के दोबारा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों ने यात्रियों को बताया है कि मलबा पूरी तरह साफ होने तक उन्हें इंतजार करना होगा। इस घटना के बाद, पूरे इलाके में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है।श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इस हादसे में जान गंवाने वाले 34 श्रद्धालुओं के शवों को उनके घर तक पहुंचाने का जिम्मा लिया है। अब तक 24 मृतकों की पहचान हो चुकी है।

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जम्मू में अचानक आई बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं के बाद, माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को निकालने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। रेलवे ने जम्मू से दिल्ली तक यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई है।यह विशेष ट्रेन आज सुबह 11:30 बजे जम्मू रेलवे स्टेशन से दिल्ली के लिए रवाना हुई। अधिकारियों के अनुसार, इस ट्रेन में यात्रा के दौरान फंसे हुए यात्रियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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कटरा होटल एसोसिएशन की पहल

वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण फंसे तीर्थयात्रियों की मदद के लिए कटरा होटल एसोसिएशन ने एक सराहनीय कदम उठाया है।

  • मुफ्त आवास: एसोसिएशन के अध्यक्ष, राकेश वजीर ने घोषणा की है कि वे सभी ज़रूरतमंद तीर्थयात्रियों को 2 से 4 दिनों के लिए मुफ्त आवास प्रदान करेंगे।
  • जरूरतमंदों को मदद: यह सेवा उन सभी यात्रियों के लिए है जो भूस्खलन के कारण कटरा में फंसे हुए हैं और जिन्हें रहने की जगह की ज़रूरत है।

ये कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं कि फंसे हुए यात्रियों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके और उन्हें हर संभव मदद मिल सके।

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जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने वैष्णो देवी भूस्खलन की घटना को लेकर लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) मनोज सिन्हा की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने दावा किया है कि इस त्रासदी में लोगों की मौत हुई नहीं है, बल्कि उन्हें मारा गया है।चौधरी ने इस घटना को एक आपराधिक साजिश बताया और कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी के बावजूद यात्रा को नहीं रोका गया, जिसके लिए LG मनोज सिन्हा को जवाब देना चाहिए।उपमुख्यमंत्री का आरोप है कि प्रशासन ने चेतावनी के संकेतों को नज़रअंदाज़ किया, जिससे इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई। उन्होंने पीड़ितों की मौत को सीधे तौर पर "मारा जाना" बताया है।


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