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पूरे प्रदेश में फूड सैंपल जांच ठप, इंदौर सबसे ज्यादा प्रभावित

फूड टेस्टिंग लैब की मान्यता खत्म, मिलावटखोर बेखौफ; इंदौर समेत पूरे प्रदेश में जांच ठप

प्रदेश में मिलावटखोरों के हौसले इन दिनों बुलंद हैं। वजह है कि सरकारी फूड टेस्टिंग लैब्स में सैंपल जांच का काम पूरी तरह ठप पड़ा है। दरअसल, राज्य की दोनों शासकीय फूड टेस्टिंग प्रयोगशालाओं की एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज़) से मिली मान्यता खत्म हो चुकी है। नई मान्यता दिलाने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन तब तक जांच का काम प्रभावित है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति का सीधा असर खाद्य सुरक्षा पर पड़ रहा है। जब तक लैब को मान्यता दोबारा नहीं मिलती, तब तक प्रदेशभर में मिलावटखोरी पर नकेल कसना मुश्किल साबित होगा।

ठप पड़ी फूड सैंपल जांच: ग्वालियर-इंदौर में रिकॉर्ड पेंडेंसी, छह माह से रिपोर्ट का इंतज़ार

प्रदेशभर में फूड सैंपल जांच का काम रुका हुआ है, जिससे मिलावट पर रोक लगाने की कोशिशें ठंडी पड़ गई हैं। ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं।

ग्वालियर में पहली बार पेंडिंग सैंपलों की संख्या 400 तक पहुंच गई है, जबकि इंदौर में यह आंकड़ा 500 पर पहुंच चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि होली से अब तक यानी पिछले छह महीनों से ग्वालियर में न तो किसी सैंपल की रिपोर्ट आई है और न ही कोई केस आगे बढ़ पाया है। इससे आम लोगों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है और मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हो गए हैं।kk-1
 


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