
कुछ ही दिनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में हर मतदाता का फर्ज बनता है कि वह मतदान केंद्र पर जाकर अपनी भागीदारी निभाए। अभिनेता मनोज बाजपेयी ने बिहार के लोगों से जागरूक होकर वोट डालने की अपील की है, ताकि लोकतंत्र को मजबूत किया जा सके। उन्होंने एक मीडिया माध्यम के जरिए यह संदेश साझा किया।
"ऐसे प्रतिनिधियों को न चुनें जो समाज को जाति और धर्म के नाम पर तोड़ते हैं। याद रखें, हमारा कल नोटों से नहीं, आपके वोट से तय होता है।"
बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल तेज़ी से गर्म हो रहा है। प्रदेश एक बार फिर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए तैयार हो रहा है। ऐसे समय में हर मतदाता का यह कर्तव्य बनता है कि वह मतदान केंद्र तक जाकर अपने वोट का उपयोग करे। वोट डालना केवल अधिकार नहीं, बल्कि लोकतंत्र को सशक्त बनाने की ज़िम्मेदारी भी है।
अक्सर लोग कहते हैं कि वे हर बार वोट डालते हैं, लेकिन ज़मीन पर बदलाव नजर नहीं आता। इसका एक बड़ा कारण यह है कि कई बार वोट जाति, धर्म या निजी फायदे को देखकर डाले जाते हैं। जब तक हम इस तरह की सोच से ऊपर नहीं उठेंगे, तब तक असली बदलाव मुमकिन नहीं होगा।
समस्या का हल तभी निकलेगा जब हम अपने मत का प्रयोग सोच-समझकर करेंगे और ईमानदार, योग्य और दूरदर्शी उम्मीदवार को चुनेंगे। बिहार में सकारात्मक परिवर्तन तब ही आएगा, जब जनता अपने वोट की शक्ति को समझेगी और किसी भी तरह के लालच या भेदभाव से ऊपर उठकर मतदान करेगी।

इस वक्त बिहार को सबसे ज़्यादा जरूरत अच्छी शिक्षा और ठोस रोज़गार की है। जब तक राज्य की शिक्षा व्यवस्था मजबूत और आधुनिक नहीं बनेगी, तब तक रोज़गार के नए अवसर पैदा नहीं होंगे। एक समय था जब नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के चलते बिहार को ज्ञान की भूमि माना जाता था। लेकिन आज शिक्षा व्यवस्था की गिरती स्थिति गंभीर चिंता का विषय है।
आगामी चुनाव जनता के हाथ में एक ऐसा मौका है, जिसमें वे उन नेताओं को चुन सकते हैं जो शिक्षा को प्राथमिकता देते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर योजनाएं बनाते हैं।
इस बार महिलाओं की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण होगी। बिहार की महिलाएं हमेशा बदलाव की रीढ़ रही हैं। यदि वे बड़ी संख्या में मतदान करती हैं, तो सामाजिक और राजनीतिक सोच में बड़ा परिवर्तन आ सकता है।
युवाओं की जिम्मेदारी भी कम नहीं है। जो भी युवा 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके हैं, उन्हें वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाकर अपने मत का उपयोग ज़रूर करना चाहिए। यह केवल एक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि अपने भविष्य को दिशा देने का अधिकार है।
हमें ऐसे जनप्रतिनिधियों को चुनना चाहिए जो शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देते हों — न कि उन्हें जो समाज को जाति या धर्म के आधार पर बांटने की राजनीति करते हैं। सही नेता वही है जो जनता की समस्याएं समझे और उन्हें हल करने के लिए ईमानदारी से काम करे।

याद रखें, भविष्य पैसे से नहीं, आपके वोट से तय होता है। वोट को सौदा न बनाएं — यह आपका अधिकार भी है और जिम्मेदारी भी। इस चुनाव में हर एक मत की अहमियत है; यही एक-एक वोट बिहार के कल को नया आकार दे सकता है।
अगर हम सभी जिम्मेदारी से, सोच-समझकर और बिना किसी दबाव या लालच के मतदान करें, तो बिहार एक बार फिर शिक्षा, सद्भाव और विकास की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकता है।