
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के शासकीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य के करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को अवकाश (छुट्टियों) की वही व्यवस्था मिलेगी, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलती है। यह निर्णय कर्मचारियों को समान सुविधा देने और सेवा शर्तों में एकरूपता लाने के उद्देश्य से लिया गया है।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद कर्मचारियों को वार्षिक, आकस्मिक, चिकित्सकीय और विशेष प्रकार की छुट्टियों में केंद्रीय नियमों के अनुसार लाभ मिलेगा। इस कदम से राज्य सरकार के कर्मचारियों को अधिक सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी, साथ ही उनके बीच संतुष्टि का स्तर भी बढ़ेगा।
सरकार द्वारा इस संबंध में जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे|
मध्य प्रदेश में शासकीय सेवकों के लिए अवकाश नियमों में बदलाव – मुख्य बातें:
राज्य सरकार ने अवकाश नीति में बदलाव करते हुए शासकीय सेवकों को केंद्र सरकार की तर्ज पर लाभ देने का निर्णय लिया है।
शासकीय कर्मचारियों को अब संशोधित अवकाश नियमों के अंतर्गत बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।
उच्च शिक्षा के लिए अध्ययन अवकाश: अब पीजी (परास्नातक) योग्यता के लिए शासकीय सेवकों को 36 महीने तक का अध्ययन अवकाश मिल सकेगा।
पितृत्व अवकाश में सुधार: अब एकल पुरुष कर्मचारियों को भी संतान पालन के लिए अवकाश की सुविधा मिलेगी, जिससे परिवार की देखभाल में सहयोग मिलेगा।
यह बदलाव कर्मचारियों के कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने और मानव संसाधन नीतियों को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शासन द्वारा शीघ्र ही इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।