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मध्य प्रदेश सरकार अब तीन साल का रोलिंग बजट लाने जा रही है। इसका मकसद 2047 तक विकसित एमपी का विज़न साकार करना है। नई व्यवस्था में वित्तीय अनुशासन और नतीजा आधारित बजटिंग पर जोर रहेगा, वहीं विभागों को तय समय में प्रस्ताव सौंपने होंगे।

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एमपी का पहला त्रिवर्षीय रोलिंग बजट, लक्ष्य- विकसित मध्य प्रदेश 2047

मध्य प्रदेश सरकार बजट निर्माण की दिशा में बड़ा बदलाव करने जा रही है। पहली बार प्रदेश में तीन साल का रोलिंग बजट तैयार होगा, जो ‘विकसित मध्य प्रदेश 2047’ के विज़न पर केंद्रित रहेगा। इसके तहत वर्ष 2026-27, 2027-28 और 2028-29 के लिए त्रिवर्षीय वित्तीय खाका बनाया जाएगा।इसके लिए विभागवार बैठकों का दौर 15 से 30 सितंबर तक चलेगा। नई योजनाओं के प्रस्ताव 31 अक्टूबर तक प्रस्तुत किए जाएंगे, जबकि 1 से 15 नवंबर तक दूसरी चरण की चर्चाएँ होंगी। इस पहल का उद्देश्य न केवल दीर्घकालिक विकास रणनीति तय करना है, बल्कि वित्तीय अनुशासन और परिणाम-आधारित बजट प्रणाली को मजबूत बनाना भी है।

इससे पहले बजट तैयार करने की प्रक्रिया के तहत 28 से 31 जुलाई तक विभागीय प्रशिक्षण और प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। इस बार भी सरकार शून्य आधार बजटिंग पद्धति अपनाएगी, ताकि हर योजना का स्पष्ट उद्देश्य तय हो और उसका असर सीधे समाज पर दिखाई दे। साथ ही, खर्च राज्य की विकास प्राथमिकताओं से जुड़ा रहे और वित्तीय अनुशासन के साथ नतीजों पर आधारित बजटिंग को प्राथमिकता दी जा सके।


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