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PM मोदी ने कहा- स्वयंसेवकों का सौभाग्य कि भागवत जैसा सरसंघचालक मिला

पीएम मोदी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई दी। मोदी ने कहा कि भागवत एक दूरदर्शी और परिश्रमी नेता हैं, जिन्होंने हमेशा राष्ट्र को सबसे ऊपर रखा। उन्होंने यह भी कहा कि स्वयंसेवकों को भागवत जैसे सरसंघचालक का नेतृत्व मिलना सौभाग्य की बात है।

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प्रधानमंत्री मोदी का भागवत को जन्मदिन संदेश: मुख्य बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 सितंबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर, उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं:

  • ऐतिहासिक संदर्भ: मोदी ने कहा कि 11 सितंबर का दिन कई यादों से जुड़ा है। उन्होंने 1893 में स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए गए 'विश्व बंधुत्व' के संदेश और 9/11 के आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसे उन्होंने 'विश्व बंधुत्व पर सबसे बड़ी चोट' बताया।
  • भागवत जी का समर्पण: प्रधानमंत्री ने कहा कि भागवत ने 'वसुधैव कुटुंबकम्' के मंत्र पर चलते हुए समाज को एकजुट करने और समानता, सद्भाव व भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
  • संघ का शताब्दी वर्ष: मोदी ने बताया कि यह एक सुखद संयोग है कि भागवत जी का 75वां जन्मदिन और आरएसएस का शताब्दी वर्ष एक ही समय में पड़ रहा है।
  • व्यक्तिगत संबंध: मोदी ने कहा कि उनका भागवत के परिवार से गहरा संबंध रहा है और उन्होंने उनके पिता, स्वर्गीय मधुकरराव भागवत, के साथ काम करने का अवसर मिला था। उन्होंने अपनी पुस्तक 'ज्योतिपुंज' में मधुकरराव जी के बारे में लिखा भी है।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 सितंबर को RSS प्रमुख मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी। अपने संदेश में, पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात की।

  • ऐतिहासिक महत्व: मोदी ने 11 सितंबर के दिन को ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने 1893 में स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण और 9/11 के आतंकवादी हमलों का जिक्र किया, जिसे उन्होंने 'विश्व बंधुत्व पर सबसे बड़ी चोट' कहा।
  • भागवत का योगदान: प्रधानमंत्री ने मोहन भागवत के जीवन को 'वसुधैव कुटुंबकम्' के सिद्धांत पर आधारित बताते हुए कहा कि उन्होंने समाज को एक करने और समानता व भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
  • एक सुखद संयोग: मोदी ने इस बात का भी उल्लेख किया कि भागवत का 75वां जन्मदिन और आरएसएस का शताब्दी वर्ष एक साथ पड़ना एक सुखद संयोग है।
  • पारिवारिक संबंध: प्रधानमंत्री ने बताया कि उनका भागवत के परिवार से गहरा संबंध है और उन्होंने भागवत के पिता, स्वर्गीय मधुकरराव भागवत के साथ काम किया था, जिसका जिक्र उन्होंने अपनी किताब 'ज्योतिपुंज' में भी किया है।

     

 


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