यूक्रेन के सरकारी भवन पर रूस का सबसे बड़ा हवाई हमला:
- रविवार को रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई और ड्रोन हमला किया।
- रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेनी प्रधानमंत्री के कार्यालय सहित कई महत्वपूर्ण दफ्तरों वाले सरकारी भवन में आग लग गई।
- इन हमलों में चार लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है।
- यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि रूस ने कीव में मुख्य सरकारी इमारत को निशाना बनाया, जो साढ़े तीन साल के युद्ध में पहली बार हुआ है।
- यूक्रेनी वायुसेना के मुताबिक, रूस ने 805 ईरानी-निर्मित शाहेद ड्रोन और 17 क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।
जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन ने रूस की दुझबा पाइपलाइन पर ड्रोन हमला किया, जो रूस से हंगरी और स्लोवाकिया को तेल पहुंचाती है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के हालिया हमलों को जानबूझकर किया गया अपराध बताया है। उन्होंने कहा कि रूस बातचीत के बजाय युद्ध को लंबा खींचने की कोशिश कर रहा है।
हमलों का विवरण:
- यूक्रेनी वायु सेना के अनुसार, रूस ने नौ मिसाइलों और 56 ड्रोनों से 37 अलग-अलग ठिकानों पर हमला किया।
- इन हमलों में नागरिकों और बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया गया, जिसे जेलेंस्की ने हत्याओं का जानबूझकर किया गया अपराध कहा।
उन्होंने इन हमलों को रोकने के लिए दुनिया से मदद की अपील की।
रूस का पक्ष:
- रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने केवल यूक्रेन के सैन्य-औद्योगिक परिसर और परिवहन बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है।
रूस के मुताबिक, इन हमलों का मकसद हथियारों और सैन्य उपकरणों के गोदामों को नुकसान पहुँचाना था।
बढ़ता तनाव:
- 15 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
इस बीच, यूक्रेन रूसी रिफाइनरियों पर हमला कर रहा है, जबकि रूस आम यूक्रेनियों को निशाना बना रहा है।
यूक्रेन की प्रधानमंत्री यूलिया स्वायरडेंको ने रूस के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, "हम इमारतों को फिर से बना सकते हैं, लेकिन खोई हुई जानें वापस नहीं लाई जा सकतीं।" उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस के हमलों के खिलाफ प्रतिक्रिया देने और यूक्रेन को और हथियार उपलब्ध कराने की मांग की है।कीव के मेयर वियाटली क्लित्स्को ने बताया कि हमले में डर्नित्सकी जिले में एक चार-मंजिला अपार्टमेंट क्षतिग्रस्त हो गया, जहाँ से एक बच्चे का शव निकाला गया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध और उसका इतिहास
फरवरी 2022 में शुरू हुआ रूस-यूक्रेन युद्ध का मुख्य कारण रूस का यूक्रेनी ज़मीन पर कब्जा है। रूस ने यूक्रेन के लगभग 20% हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इस युद्ध में हज़ारों नागरिक और सैनिक मारे गए हैं, और लाखों यूक्रेनी विस्थापित हुए हैं। जून 2023 तक, लगभग 8 मिलियन यूक्रेनियन अपना देश छोड़कर जा चुके थे।
युद्ध रोकने के प्रयास और जेलेंस्की का रुख
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्ध को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के साथ बैठकें की हैं। हाल ही में उन्होंने अलास्का में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की, जो 80 वर्षों में किसी रूसी नेता की पहली अलास्का यात्रा थी।ट्रम्प ने 18 अगस्त को व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात की। इस बातचीत को दोनों नेताओं ने सफल बताया। इस दौरान जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन अपनी एक इंच भी ज़मीन रूस को नहीं देगा, क्योंकि अगर वे पीछे हटते हैं तो देश की संप्रभुता और सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इससे रूस को भविष्य में और अधिक हमले करने का मौका मिलेगा।जेलेंस्की ने यह भी कहा कि ज़मीन और सिद्धांतों से जुड़े फैसले केवल नेताओं के स्तर पर होंगे, लेकिन इसमें यूक्रेन की भागीदारी ज़रूरी है। उन्होंने रूस के साथ बिना शर्त युद्धविराम (सीजफायर) की मांग भी की।
अलास्का में हुई वार्ता के बाद रूस की तेल रिफाइनिंग क्षमता में 17% की गिरावट आई है। 15 अगस्त को ट्रम्प-पुतिन की मुलाकात के तुरंत बाद यूक्रेन ने रूस की ऊर्जा संरचनाओं पर हमले तेज कर दिए।
हमलों का ब्यौरा:
- दुझबा पाइपलाइन पर हमला: 28 अगस्त को, यूक्रेनी ड्रोन और मिसाइलों ने रूस के ब्रायन्स्क और तमबोव क्षेत्रों से गुजरने वाली दुझबा पाइपलाइन पर हमला किया, जिससे हंगरी और स्लोवाकिया को तेल आपूर्ति बाधित हो गई।
- रिफाइनरियों को निशाना: वोल्गोग्राद और रोस्तोव में स्थित दो रिफाइनरियों पर भी हमले हुए। इनमें से एक, नोवोशाख्तिन्स्क रिफाइनरी, जिसकी वार्षिक क्षमता 5 मिलियन मीट्रिक टन है, में भीषण विस्फोट हुआ।इन हमलों के कारण रूस की लगभग 17% रिफाइनिंग क्षमता प्रभावित हुई है और इसके तेल निर्यात में भारी कमी आई है।
बढ़ते ड्रोन हमले और उनका संदेश:बढ़ते हुए ड्रोन हमले इस बात का सबूत हैं कि रूस अपना रक्षा उत्पादन बढ़ा रहा है। इन हमलों से यह साफ संदेश मिलता है कि यूक्रेन में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के लगभग 20% हिस्से पर अपना कब्ज़ा छोड़ने से इनकार कर दिया है। यह क्षेत्र करीब 1 लाख 14 हजार 500 वर्ग किलोमीटर का है, जिसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया जैसे इलाके शामिल हैं।पुतिन का मानना है कि ये क्षेत्र रूस की सामरिक और ऐतिहासिक विरासत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यूक्रेन के साथ शांति वार्ता तभी संभव है जब यूक्रेन इन कब्जाए गए क्षेत्रों पर अपना दावा छोड़ दे और उन्हें रूस के हिस्से के रूप में स्वीकार कर ले।