करण जौहर ने याद किया 'तख्त' प्रोजेक्ट, बोले- इतिहास पर फिल्म बनाना सपना था
तेलुगु फिल्म ‘मिराई’ के प्रमोशन इवेंट में करण जौहर से पूछा गया कि क्या वह कभी पीरियड ड्रामा बनाएंगे। इस पर उन्होंने बताया कि उनकी ड्रीम फिल्म ‘तख्त’ पहले से ही तैयार थी, जिसमें ढाई साल की मेहनत लगी, लेकिन किन्हीं कारणों से वह बन नहीं पाई।
करण ने कहा, "ऐसी फिल्म के लिए सिर्फ बजट नहीं, हिम्मत और जुनून भी चाहिए। शायद उस वक्त मैं तैयार नहीं था।" उन्होंने इसे एक "दिल तोड़ने वाला अनुभव" बताया और कहा कि हर फिल्म का एक वक्त होता है।

करण जौहर ने 'तख्त' को लेकर जताई भावनाएं, बोले- हर फिल्म का एक वक्त होता है
तेलुगु फिल्म ‘मिराई’ के प्रमोशन इवेंट में करण जौहर ने अपनी अधूरी ड्रीम फिल्म ‘तख्त’ को याद किया। उन्होंने बताया कि इस पीरियड ड्रामा पर उन्होंने ढाई साल काम किया था, लेकिन कुछ कारणों से फिल्म बन नहीं पाई। करण ने कहा, "शायद वो वक्त उस कहानी का नहीं था।"
तेलुगु फिल्म ‘मिराई’ के प्रमोशनल इवेंट के दौरान करण जौहर से पूछा गया कि क्या वह कभी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाएंगे। इस पर करण ने अपनी ड्रीम फिल्म ‘तख्त’ की चर्चा की।
उन्होंने बताया कि इस भव्य पीरियड ड्रामा में रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, करीना कपूर, विक्की कौशल जैसे सितारे थे और इसकी तैयारियां काफी लंबे समय तक चली थीं। लेकिन कुछ परिस्थितियों के चलते फिल्म पर काम आगे नहीं बढ़ सका।
करण ने कहा, “मैंने पूरी तैयारी की थी, लेकिन शायद किस्मत में यह फिल्म पूरी करना नहीं लिखा था। हर फिल्म का एक वक्त होता है।”
क्या दोबारा बनेगी 'तख्त'? करण जौहर ने बताया अपना प्लान
करण जौहर ने हाल ही में बताया कि वह पहले एक भव्य ऐतिहासिक फिल्म 'तख्त' पर काम कर रहे थे, लेकिन कोविड महामारी और कुछ अन्य कारणों से यह प्रोजेक्ट रुक गया।
करण ने कहा, "मैंने पूरी तैयारी की थी, स्क्रिप्ट तैयार थी, कास्ट फाइनल थी, लेकिन हालात ऐसे बन गए कि फिल्म बन नहीं पाई।"
हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह अब भी ऐसी फिल्म बनाने का इरादा रखते हैं, लेकिन सही समय और परिस्थितियों का इंतजार कर रहे हैं।
मुख्य बातें:
'तख्त' को लेकर ढाई साल तक की गई थी तैयारी
कोविड और अन्य कारणों से प्रोजेक्ट रुक गया
करण ने कहा, "हर फिल्म का एक समय हो
ता है"
क्या थी 'तख्त' की कहानी?
करण जौहर की अधूरी रह गई फिल्म ‘तख्त’ एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित ड्रामा थी, जिसकी कहानी मुगल साम्राज्य के उत्तराधिकार संघर्ष को दिखाती।
फिल्म का मुख्य फोकस दारा शिकोह और औरंगज़ेब — दो भाइयों के बीच ताज के लिए हुई सत्ता की जंग पर था। यह सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और वैचारिक टकराव की कहानी थी, जहां एक ओर दारा उदार विचारों वाला था, वहीं औरंगज़ेब कट्टर सत्ता की राह पर चला।
करण जौहर इस कहानी को बड़े स्केल पर पर्दे पर लाना चाहते थे, जिसमें कई दिग्गज कलाकारों को शामिल किया गया था।