हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 6,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा रद्द कर दिए हैं। यह कदम गहन जांच के बाद उठाया गया, जिसमें पाया गया कि इन छात्रों में से कुछ ने अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन किया था।रद्द किए गए वीज़ा में से लगभग दो-तिहाई, यानी लगभग 4,000, ऐसे छात्रों के थे जो आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे। इन अपराधों में मारपीट, चोरी और नशे की हालत में गाड़ी चलाना शामिल है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की है कि कुछ मामले आतंकवाद से भी जुड़े हुए थे।इस कार्रवाई के अन्य कारणों में वीज़ा की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी देश में रुकना (ओवरस्टे) और अन्य नियमों का उल्लंघन करना शामिल है।अमेरिका में 2023-24 शैक्षणिक सत्र में 11 लाख से अधिक विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे थे। इन छात्रों की बड़ी संख्या को देखते हुए, अमेरिकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि शैक्षिक वीज़ा का दुरुपयोग न हो। इसी कारण, वीज़ा नियमों की जांच को और भी कठोर बनाया जा रहा है ताकि केवल वास्तविक और योग्य छात्रों को ही प्रवेश मिले।

वीजा रद्द होने के मुख्य कारण:
- अपराध और आतंकवाद में संलिप्तता: रिपोर्ट्स के अनुसार, रद्द किए गए वीजा में से लगभग 4,000 ऐसे छात्रों के हैं जो विभिन्न अपराधों में शामिल थे। इसके अलावा, कुछ वीजा आतंकवाद से जुड़े मामलों के कारण भी रद्द किए गए हैं।
- सोशल मीडिया पर जांच: अमेरिकी सरकार, खासकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन, ने विदेशी छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच शुरू कर दी है। जिन छात्रों ने अमेरिका-विरोधी या फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लिया या ऐसे विचार व्यक्त किए, उनके वीजा रद्द किए जा रहे हैं।
- अप्रवासन नियमों का उल्लंघन: कुछ वीजा ओवरस्टे (निर्धारित समय से अधिक रुकना) या अन्य कानूनी उल्लंघनों के कारण भी रद्द किए गए हैं।
- शैक्षणिक प्रदर्शन और अनियमितताएं: खराब शैक्षणिक प्रदर्शन, बिना बताए क्लास से गायब होना, या जाली दस्तावेज जमा करना भी वीजा रद्द होने का एक कारण है।
पृष्ठभूमि और प्रभाव:
- यह कदम ट्रंप प्रशासन की सख्त अप्रवासन नीति का हिस्सा माना जा रहा है।
- अमेरिका में 11 लाख से अधिक विदेशी छात्र हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में सबसे अधिक विदेशी छात्र भारत और चीन से हैं।
- वीजा रद्द होने की इस कार्रवाई से हजारों छात्रों का भविष्य अनिश्चित हो गया है, जिससे उनकी शिक्षा और करियर योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
- यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस तरह की कार्रवाइयों का अमेरिकी विश्वविद्यालयों की फंडिंग और प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से मिलने वाली फीस पर बहुत निर्भर रहते हैं।
अमेरिका ने 200 से 300 छात्र वीज़ा रद्द कर दिए हैं। ये वीज़ा "इमिग्रेशन और नेशनैलिटी एक्ट" की उन धाराओं के तहत रद्द किए गए हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद से संबंधित हैं। इन मामलों का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इन गतिविधियों से न केवल अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन हुआ है, बल्कि कॉलेज परिसरों और आम जनता की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा हुआ है।
वीज़ा प्रक्रिया में सख्ती
- अमेरिका अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वीज़ा देने की प्रक्रिया को लगातार सख्त कर रहा है। इसी क्रम में, अमेरिकी विदेश विभाग ने 2 सितंबर से वीज़ा के लिए ड्रॉप बॉक्स सुविधा (इंटरव्यू वेवर प्रोग्राम) को बंद करने की घोषणा की है।
इस बदलाव का मतलब है कि अब H-1B, L1 और F1 जैसे गैर-प्रवासी वीज़ा के लिए अधिकांश आवेदकों को अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास में व्यक्तिगत रूप से जाकर इंटरव्यू देना होगा। पहले ड्रॉप बॉक्स सुविधा के तहत, योग्य आवेदक बिना इंटरव्यू के केवल अपने दस्तावेज़ जमा करके वीज़ा प्राप्त कर सकते थे। अब यह सुविधा केवल कुछ विशेष श्रेणियों, जैसे राजनयिक और आधिकारिक वीज़ा धारकों तक ही सीमित रहेगी।
भारतीय पेशेवरों पर संभावित प्रभाव
यह फैसला भारतीय तकनीकी कर्मचारियों पर बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि उन्हें बड़ी संख्या में H-1B वीज़ा मिलते हैं।
- 2022 में जारी किए गए 3.20 लाख H-1B वीज़ा में से 77% भारतीयों को मिले थे।
- 2023 में जारी किए गए 3.86 लाख H-1B वीज़ा में से 72.3% भारतीयों को मिले थे।
- इंटरव्यू की अनिवार्यता से वीज़ा आवेदन प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है, जिससे भारतीय पेशेवरों और छात्रों के लिए अमेरिका जाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।