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चीन की विक्ट्री डे परेड: अमेरिका तक मार करने वाली मिसाइलें दिखाई गईं, जिनपिंग ने कहा- 'हम डरते नहीं'

जापान पर दूसरे विश्व युद्ध में मिली जीत के 80 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, चीन ने बुधवार को एक भव्य विजय दिवस परेड का आयोजन किया। राजधानी बीजिंग के थियानमेन चौक पर आयोजित इस समारोह में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने परेड की सलामी ली।अपने संबोधन में, जिनपिंग ने बल देते हुए कहा कि चीन किसी भी धमकी से डरता नहीं है और हमेशा प्रगति के पथ पर चलता रहेगा। उन्होंने देशवासियों से अपने इतिहास को याद रखने और जापान के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने वाले सैनिकों का सम्मान करने का आग्रह किया।इस परेड में कई अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स, YJ-21 एंटी-शिप क्रूज मिसाइल, और JL-3 पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें प्रमुख थीं। इसके अलावा, DF-5C न्यूक्लियर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल के एक उन्नत संस्करण 6F को भी प्रदर्शित किया गया, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह अमेरिका तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।

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चीन में आयोजित सैन्य परेड को अब तक की सबसे विशाल परेड माना जा रहा है। इस समारोह में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कई प्रमुख वैश्विक नेता मंच पर मौजूद थे, जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन शामिल थे। कुल मिलाकर, 25 देशों के नेता इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बने।

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस परेड के माध्यम से बीजिंग ने दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह अमेरिका के विकल्प के रूप में उभर रहा है और पश्चिमी देशों से अलग, गैर-पश्चिमी राष्ट्रों का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है।

भारत के पड़ोस से भी कई महत्वपूर्ण हस्तियों ने इस परेड में हिस्सा लिया, जिनमें पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू शामिल थे।

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चीन की विक्ट्री-डे परेड से जुड़ी चार मुख्य बातें

  • आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन: इस परेड में चीन ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए कई आधुनिक हथियार दिखाए, जिनमें लेजर तकनीक, स्टील्थ जेट, उन्नत मिसाइलें, ड्रोन और रोबोटिक डॉग्स शामिल थे।
  • शी, पुतिन और किम की एकजुटता: परेड में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन एक साथ दिखाई दिए। इसे पश्चिमी देशों के खिलाफ इन राष्ट्रों की एकजुटता का एक मजबूत संकेत माना जा रहा है।
  • पुतिन-किम की गुप्त वार्ता: रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन और किम ने एक घंटे से अधिक समय तक गुप्त बातचीत की। इस मुलाकात में पुतिन ने किम को रूस आने का निमंत्रण भी दिया।
  • किम की बेटी की उपस्थिति: किम जोंग-उन की बेटी किम जू ऐ भी अपनी बुआ किम यो जोंग के साथ परेड में शामिल हुईं। उनकी उपस्थिति से उत्तर कोरिया में संभावित उत्तराधिकार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए शी, पुतिन और किम पर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।

चीन इस परेड को अपनी सैन्य शक्ति और वैश्विक प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए एक बड़े मंच के रूप में उपयोग कर रहा है। इस भव्य आयोजन में हजारों सैनिक, 100 से अधिक लड़ाकू विमान, और सैकड़ों सैन्य उपकरण शामिल होंगे।

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परेड में प्रदर्शित होने वाले प्रमुख हथियार

  • लड़ाकू विमान और ड्रोन: चीन अपने J-20 (5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट), सुपरसोनिक FH-97 कॉम्बैट ड्रोन, और हाइपरसोनिक मिसाइलों का प्रदर्शन करेगा।
  • बैलिस्टिक मिसाइलें: परेड में DF-41 और DF-31AG जैसी इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें भी दिखाई जाएंगी, जिनकी मारक क्षमता 12,000 से 15,000 किलोमीटर तक है।
  • अन्य हथियार: चीन YJ-15 और YJ-20 जैसी एंटी-शिप मिसाइलों के साथ-साथ गाइडेड लेजर वेपन, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग सिस्टम, और अंडरवाटर ड्रोन भी प्रदर्शित करेगा। ये हथियार ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य ताकत को और बढ़ाते हैं।

    हाल के महीनों में, चीन जापान पर मिली जीत को अपने लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। चीन का दावा है कि दूसरे विश्व युद्ध में जापान को हराने में उसका और तत्कालीन सोवियत संघ (USSR) का सबसे बड़ा योगदान था, जबकि अमेरिका और यूरोपीय देशों की भूमिका को वह दरकिनार कर रहा है।

    राष्ट्रपति जिनपिंग चाहते हैं कि लोग दूसरे विश्व युद्ध को चीन के दृष्टिकोण से देखें। मई 2025 में, उन्होंने रूस में आयोजित एक समारोह में भाग लिया था। इस दौरान, उन्होंने एक लेख में कहा था कि चीन और सोवियत संघ ने जापान और जर्मनी के खिलाफ युद्ध में मुख्य भूमिका निभाई। इस लेख में उन्होंने अमेरिका या यूरोप का कोई जिक्र नहीं किया था।

    नानजिंग नरसंहार पर बनी फिल्में भी इसी ऐतिहासिक दृष्टिकोण को लोगों तक पहुंचा रही हैं। चीन ने इस नरसंहार पर आधारित एक फिल्म 'डेड टू राइट्स' भी बनाई है, जो जुलाई 2025 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने केवल चार दिनों में ही 50 करोड़ युआन (लगभग 430 करोड़ रुपये) का कारोबार किया था।

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चीनी राजधानी बीजिंग में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान, दोनों ने द्विपक्षीय बातचीत की, जिसमें एक घंटे से अधिक समय तक चली गोपनीय बैठक भी शामिल थी।इस मुलाकात के बाद, पुतिन ने किम जोंग-उन को रूस आने का न्योता दिया। दोनों नेता चीन के 80वें विजय दिवस परेड समारोह में भाग लेने के लिए बीजिंग पहुंचे थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की यह सैन्य परेड सिर्फ शक्ति प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर चीन की स्थिति को और मजबूत करने का एक प्रयास है। इस परेड के जरिए राष्ट्रपति जिनपिंग ताइवान और पश्चिमी देशों को साफ संदेश देना चाहते हैं कि चीन किसी भी संभावित संघर्ष के लिए पूरी तरह से तैयार है।यह आयोजन पश्चिमी देशों के खिलाफ रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे राष्ट्रों के गठबंधन को मजबूत करने का भी एक प्रयास है। हालांकि, पश्चिमी देशों में से केवल सर्बिया और स्लोवाकिया ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।चैथम हाउस की विशेषज्ञ यू जी के अनुसार, जिनपिंग इस परेड के माध्यम से विश्व को यह दिखाना चाहते हैं कि वे वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाना चाहते हैं। जिनपिंग का मानना है कि दुनिया को एक ऐसी नई व्यवस्था की जरूरत है, जिसका नेतृत्व चीन करे और जिसमें कई गैर-पश्चिमी देश उसका साथ दें।यह परेड ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीतियों और आक्रामक विदेश नीति से जूझ रही है। ऐसे में, चीन के पास यह एक अवसर है कि वह अधिक से अधिक देशों को अपने पक्ष में एकजुट कर सके।


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