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विधायक की गिरफ्तारी के विरोध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे थे।फारूक से नहीं मिलने दिया

आम आदमी पार्टी AAP के सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें श्रीनगर में नजरबंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में भाग लेने और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए श्रीनगर आए थे।सिंह ने बताया कि पुलिस उन्हें सरकारी गेस्ट हाउस से बाहर नहीं निकलने दे रही है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, "तानाशाही अपने चरम पर है। लोकतंत्र में अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना और विरोध प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है।"

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आम आदमी पार्टी के सांसद ने आरोप लगाया है कि उन्हें श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोका गया। उन्होंने कहा कि विधायक मेहराज मलिक की कथित अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सांसद ने बताया कि जिस सरकारी गेस्ट हाउस में वे ठहरे थे, उसे पुलिस छावनी में बदल दिया गया है, और उन्हें व उनके साथियों को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।मेहराज मलिक, जो आम आदमी पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष हैं, को 8 सितंबर को सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उन्हें कठुआ जेल में भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में पिछले चार दिनों से प्रदर्शन जारी है।

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केजरीवाल का विरोध

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस घटना को 'सरासर गुंडागर्दी और तानाशाही' बताया। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री, जो मौजूदा मुख्यमंत्री के पिता भी हैं, उन्हें भी अपने ही राज्य में संजय सिंह से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

सिंह का आरोप

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि विधायक मेहराज मलिक पर गलत तरीके से पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके मुताबिक, मलिक को उनके निर्वाचन क्षेत्र में लोगों के मुद्दों को उठाने के कारण निशाना बनाया गया है। श्रीनगर पहुँचने से पहले, संजय सिंह ने जम्मू में मलिक के परिवार से मुलाकात की थी।

प्रदर्शन और सुरक्षा व्यवस्था

मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता पिछले चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते डोडा, भद्रवाह, गंडोह और थाथरी जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने 8 सितंबर को बीएनएस अधिनियम की धारा 163 लागू कर दी, जिसके तहत बिना पूर्व अनुमति के लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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9 सितंबर को, मेहराज मलिक के सैकड़ों समर्थकों ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए 'डोडा चलो' मार्च निकाला। भाट्यास गांव से शुरू हुए इस मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों को जब पुलिस ने रोका, तो उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी।जवाब में, सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। हालात बिगड़ने पर इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए और जिला प्रशासन ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लागू कर दी, जिससे बिना अनुमति के लोगों की आवाजाही पर रोक लग गई।10 सितंबर को भी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसके बाद पुलिस ने 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। इस कार्रवाई से डोडा और उसके आसपास के इलाकों में तनाव बढ़ गया है।

 


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