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जिला प्रशासन ने कुछ इलाकों में दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू।

काठमांडू जिला प्रशासन ने प्रमुख इलाकों में दोपहर 12:30 बजे से रात 10:00 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। यह कर्फ्यू एक बड़े विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर लगाया गया है, जिसमें युवाओं ने सरकारी भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ आवाज उठाई है।

विरोध प्रदर्शन की मुख्य बातें:

  • मेयर का समर्थन: काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने इस आंदोलन का समर्थन किया है, हालांकि वे उम्र सीमा के कारण इसमें शामिल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि युवाओं की आवाज़ सुनना ज़रूरी है।
  • विदेशों से समर्थन: विदेशों में रह रहे नेपाली युवाओं ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया है। उनका मानना है कि यदि भ्रष्टाचार और असमानता खत्म नहीं हुई, तो और भी अधिक शिक्षित युवा देश छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।
  • आयोजन: 'हामी नेपाल' नामक समूह ने इस प्रदर्शन का आयोजन किया है, जिसके लिए प्रशासन से अनुमति ली गई थी। आयोजकों का कहना है कि इसी तरह के विरोध प्रदर्शन देश के अन्य शहरों में भी हो रहे हैं।

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    नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को 26 सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया, जिनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब भी शामिल हैं। यह कदम इन प्लेटफॉर्म्स द्वारा नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पंजीकरण न कराने के कारण उठाया गया।

    मुख्य विवरण:

    • प्रतिबंध का कारण: मंत्रालय ने 28 अगस्त को इन प्लेटफॉर्म्स को पंजीकरण के लिए सात दिन का समय दिया था, जो 2 सितंबर को समाप्त हो गया। इस समय सीमा के भीतर फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, एक्स (ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन जैसे बड़े प्लेटफॉर्म ने पंजीकरण नहीं कराया।
    • पंजीकरण करने वाले प्लेटफॉर्म: टिकटॉक, वाइबर, विटक, निमबज और पोपो लाइव जैसे कुछ प्लेटफॉर्म ने पंजीकरण कर लिया है, जिसके कारण वे प्रतिबंध से बच गए। वहीं, टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी की पंजीकरण प्रक्रिया अभी चल रही है।
    • पुनर्बहाली की शर्त: मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि जो भी प्लेटफॉर्म पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर लेगा, उसे उसी दिन बहाल कर दिया जाएगा।
    • प्रभाव: इस प्रतिबंध से देश-विदेश में रहने वाले लाखों नेपाली प्रभावित हुए हैं, जो इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं।
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