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1 लाख लोग सड़कों पर 80,000 पुलिसकर्मियों की तैनात

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नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। देशव्यापी बंद के समर्थन और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्तीफे की मांग को लेकर एक लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर उतर आए हैं।प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर आगजनी भी की है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, सरकार ने 80 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। इन प्रदर्शनों के दौरान, अब तक 200 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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फ्रांस में सरकार विरोधी प्रदर्शन: 30 से ज़्यादा जगहों पर 'सब कुछ रोक दो' आंदोलन

फ्रांस में बुधवार से शुरू हुए ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ (सब कुछ रोक दो) आंदोलन के तहत 30 से ज़्यादा जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन में 1 लाख से ज़्यादा लोग शामिल हैं।इस आंदोलन को वामपंथी पार्टी फ्रांस अनबाउंड (LFI) का भी समर्थन मिला है। इसके अलावा, फ्रांस के ट्रेड यूनियनों ने भी घोषणा की है कि वे 18 सितंबर को सरकार के बजट प्रस्तावों के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

फ्रांस में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान, 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो के अनुसार, बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों और कस्बों में सड़कों को जाम कर दिया, जिससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगहों पर झड़पें हुईं।हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। मंत्री ने बताया कि आंदोलन के शुरुआती घंटों में ही ये गिरफ्तारियां की गईं।

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ब्लॉक एवरीथिंग' आंदोलन की शुरुआत

'ब्लॉक एवरीथिंग' आंदोलन सोशल मीडिया के माध्यम से शुरू हुआ था। इस अभियान के तहत, 10 सितंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया गया था। यह आंदोलन पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरो की बजट नीतियों के विरोध में शुरू हुआ, जिसके कारण बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन हुए।बायरो ने सार्वजनिक खर्च में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये की कटौती की थी। इस कटौती से देशभर में पेंशन रोक दी गई थी और कई अन्य सामाजिक योजनाओं में भी भारी कटौती की गई, जिससे लोगों में बहुत गुस्सा था।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। लेकोर्नू को मैक्रों का करीबी माना जाता है और उन्होंने राष्ट्रपति के कई महत्वपूर्ण मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

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एक साल में चौथी बार प्रधानमंत्री

फ्रांस में पिछले एक साल में यह चौथी बार प्रधानमंत्री की नियुक्ति हुई है। इससे पहले, सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव के कारण प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू ने इस्तीफा दे दिया था।

  • पिछले साल सितंबर में, गैब्रियल अटल के इस्तीफे के बाद माइकल बर्नियर प्रधानमंत्री बने थे।
  • दिसंबर में बर्नियर के इस्तीफे के बाद बायरू ने पद संभाला था। हालांकि, वह फ्रांस का वित्तीय घाटा कम करने में असफल रहे, जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई।

नई जिम्मेदारी और चुनौतियाँ

राष्ट्रपति मैक्रों ने नए प्रधानमंत्री लेकोर्नू को 2026 के लिए बजट पेश करने और संसद की सहमति हासिल करने की जिम्मेदारी सौंपी है। मैक्रों ने कहा है कि पीएम लेकोर्नू इस बजट के लिए संसद में सभी पार्टियों के साथ परामर्श करेंगे।


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