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4 मंत्रियों के इस्तीफे, पीएम ने बुलाई सर्वदलीय बैठक।

नेपाल में सोशल मीडिया पर पाबंदी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन

नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के विरोध में मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के निजी आवासों पर तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके अलावा, पूर्व प्रधानमंत्रियों - पुष्प कमल दहल प्रचंड और शेर बहादुर देउबा - के घरों को भी निशाना बनाया गया।इस हिंसक विरोध के बीच, सरकार से चार मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव शामिल हैं।यह विरोध प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन जारी है और इसमें अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, प्रधानमंत्री ओली ने आज शाम 6 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

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नेपाल में गठबंधन सरकार पर संकट गहराया

नेपाल में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच गठबंधन सरकार के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जुलाई 2024 से शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस (88 सीटें) और केपी शर्मा ओली की सीपीएन (यूएमएल) (79 सीटें) मिलकर सरकार चला रही हैं।हालांकि, हाल में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद स्थिति बदल गई है। गृह मंत्री रमेश लेखक सहित अब तक इस्तीफा देने वाले सभी चार मंत्री नेपाली कांग्रेस से संबंधित हैं, जिसने गठबंधन में तनाव को और बढ़ा दिया है।

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काठमांडू के हिल्टन होटल में तोड़फोड़ और आगजनी

नेपाल की राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने हिल्टन होटल को निशाना बनाया। भीड़ ने पहले होटल की कांच की दीवारों पर पत्थरबाजी की और फिर मुख्य द्वार तोड़कर अंदर घुस गए। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या इतनी अधिक थी कि स्थिति को संभालना मुश्किल हो गया।इस दौरान होटल परिसर से धुआं उठता हुआ देखा गया, जिससे आगजनी की आशंका है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि आग होटल के अंदर लगी थी या नहीं।

काठमांडू के मेयर बालेन शाह को नजरबंद किए जाने की खबर है। उन्होंने युवाओं के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था, जो कल शुरू हुआ था। शाह ने कहा था कि यह आंदोलन 28 वर्ष से कम आयु के युवाओं के लिए है और इसलिए वे खुद इसमें शामिल नहीं हो सकते।

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त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद करने की तैयारी

नेपाल के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को सुरक्षा कारणों से बंद किया जा रहा है। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गोठातर और आस-पास के इलाकों में लगातार आगजनी की घटनाओं के कारण यह कदम उठाया जा रहा है। अधिकारी ने यह भी बताया कि फिलहाल आसमान में मौजूद किसी भी विमान को काठमांडू हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने आज शाम 6 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा कि वह स्थिति का आकलन करने और समस्या को हल करने के लिए सभी संबंधित पक्षों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील भी की है।

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काठमांडू में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू

नेपाल सरकार ने राजधानी काठमांडू में बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। यह कर्फ्यू 8 सितंबर को सुबह 8:30 बजे से लागू हुआ है और अगले आदेश तक जारी रहेगा।

काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शहर के भीतर किसी भी तरह की आवाजाही, सभा, जुलूस, प्रदर्शन या सार्वजनिक बैठक पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, कुछ आवश्यक सेवाओं को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।

कर्फ्यू से मिली छूट:

  • आपातकालीन सेवाएं: एम्बुलेंस, दमकल और शव वाहन।
  • मीडिया और स्वास्थ्यकर्मी: पत्रकार और स्वास्थ्यकर्मी।
  • यात्री: हवाई टिकट दिखाने वाले यात्रियों को हवाई अड्डे तक जाने की अनुमति होगी।
  • अन्य: पर्यटक वाहन, मानवाधिकार संगठनों और राजनयिक वाहनों की आवाजाही भी जारी रहेगी।

    छात्रों की मौत के बाद नेपाल के निजी स्कूलों में दो दिन की छुट्टी

  • नेपाल के निजी स्कूलों के संगठनों ने हाल के विरोध प्रदर्शनों में छात्रों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए 8 और 9 सितंबर को दो दिन का शोक अवकाश घोषित किया है।
  • इन संगठनों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि हालिया हिंसा में कई छात्रों और युवाओं ने अपनी जान गंवाई है, जबकि सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। संगठनों ने इस घटना को पूरे शैक्षिक समुदाय और नेपाली समाज के लिए "बेहद दुखद" बताया है।
  • बयान में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई है। संगठनों का कहना है कि वे इस दुखद समय में छात्रों और समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए यह शोक अवकाश रख रहे हैं।

     


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