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संसद तक पहुंचे प्रदर्शनकारी, पुलिस की कार्रवाई.

नेपाल में जेन-जी का भ्रष्टाचार-विरोधी प्रदर्शन

नेपाल की राजधानी काठमांडू में जेन-जी (18 से 30 वर्ष के युवा) का भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के विरोध में चल रहा आंदोलन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर संसद भवन परिसर में घुसने की कोशिश की।रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा, जिससे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। इसके बाद पुलिस ने पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया।विरोध प्रदर्शन के दौरान, युवाओं ने पुलिस पर पेड़ों की टहनियाँ और पानी की बोतलें फेंकी और सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाज़ी करते रहे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने लोगों की आवाज़ों को दबाने के लिए यह कदम उठाया है।

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प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़कर उस क्षेत्र में प्रवेश किया जहाँ जाने की अनुमति नहीं थी।

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युवा प्रदर्शनकारी 'जेन-जी आंदोलन' के बैनर तले विरोध प्रदर्शन करते हुए।

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युवाओं ने QR कोड वाले बैनरों का उपयोग करके अन्य लोगों से भी इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।

नेपाल में सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध

नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को 26 सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब भी शामिल हैं। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि इन कंपनियों ने नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अपना पंजीकरण नहीं कराया था।मंत्रालय ने इन सभी प्लेटफॉर्म्स को 28 अगस्त से 2 सितंबर तक का समय दिया था ताकि वे पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकें। इस दौरान फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, एक्स (ट्विटर), लिंक्डइन और रेडिट जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म ने आवेदन नहीं किया। हालांकि, टिकटॉक, वाइबर, निमबज, विटक और पोपो लाइव जैसे कुछ प्लेटफॉर्म ने पंजीकरण करा लिया है। वहीं, टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी का पंजीकरण अभी प्रक्रिया में है।

मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि जो भी प्लेटफॉर्म पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर लेगा, उस पर से प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। इस प्रतिबंध से विदेश में रहने वाले लाखों नेपाली नागरिक प्रभावित हो रहे हैं।


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