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उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में स्थिति गंभीर बनी हुई है।पंजाब के 7 जिले और 150 से ज्यादा गाँव बाढ़ की चपेट में हैं। रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।सेना ने अजनाला में रेस्क्यू ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभाली है। लोगों को निकालने के लिए विशेष एम्फीबियस गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो ज़मीन और पानी दोनों में चल सकती हैं।बढ़ते खतरे को देखते हुए, राज्य में 30 अगस्त तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।जम्मू-कश्मीर में बारिश से जुड़ी दुर्घटनाओं में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। जम्मू में झेलम और दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसके कारण निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के कारण स्थिति बेहद खराब है।बुधवार रात हुई भारी बारिश से चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर भूस्खलन हुआ है, जिससे आवाजाही ठप हो गई है।राज्य के 3 जिलों में 2000 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं।हिमाचल में बाढ़ और बारिश की घटनाओं में अब तक 310 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 369 लोग घायल हैं और 38 लापता हैं। 1240 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 331 पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।

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वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन के कारण फंसे श्रद्धालुओं की मदद के लिए कटरा होटल एसोसिएशन ने एक सराहनीय कदम उठाया है। गुरुवार को एसोसिएशन ने घोषणा की कि वे जरूरतमंद तीर्थयात्रियों को मुफ्त आवास प्रदान करेंगे।

मुफ्त आवास की पहल

एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर के अनुसार, यह निर्णय वैष्णो देवी के भक्तों की मदद के लिए लिया गया है। जिन तीर्थयात्रियों को भूस्खलन के कारण अपनी यात्रा बीच में ही रोकनी पड़ी है और जिन्हें रहने की जगह की जरूरत है, उन्हें 2 से 4 दिनों के लिए निःशुल्क आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर: 534 सड़कें बंद, 310 लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी मानसूनी बारिश ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और मकान गिरने जैसी घटनाओं के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 310 हो गई है।

सड़कों और बिजली पर असर

  • सड़कें बंद: राज्य में कुल 534 सड़कें बंद हैं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। सबसे ज्यादा असर कुल्लू और मंडी जिलों में देखा गया है, जहां क्रमशः 166 और 216 सड़कें बाधित हैं। कुल्लू में एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी प्रभावित हुआ है।
  • बिजली आपूर्ति: 1,184 बिजली वितरण ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे कई इलाकों में बिजली गुल है। बिजली आपूर्ति पर सबसे गंभीर असर कुल्लू (600 ट्रांसफॉर्मर) और मंडी (320 ट्रांसफॉर्मर) में पड़ा है।
  • पानी की समस्या: कांगड़ा जिले में पीने के पानी की आपूर्ति पर सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ा है।

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    मध्य प्रदेश: उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ा, मंदिर डूबे

    मध्य प्रदेश के उज्जैन में लगातार हो रही बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसके चलते रामघाट के कई मंदिर पानी में डूब गए हैं।

    मंदिर डूबे और श्रद्धालुओं को चेतावनी

    राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा है। आज ऋषि पंचमी का पर्व होने के कारण रामघाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ है। SDRF की टीम श्रद्धालुओं से अपील कर रही है कि वे गहरे पानी में न जाएं और किनारे पर ही स्नान करें, क्योंकि जलस्तर काफी ऊपर है।यह स्थिति स्थानीय प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गई है और वे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।


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