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ऑफिस चेयर का साइड इफेक्ट, युवाओं की कमर, गर्दन और घुटनों पर बढ़ता दबाव

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लंबे समय तक बैठने की आदत का असर: ग्वालियर में बढ़ रहे कमर-गर्दन दर्द के मरीज

तेज़ रफ्तार जिंदगी और घंटों तक कुर्सी पर बैठे रहने की दिनचर्या लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है। कमर, गर्दन और घुटनों की समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। इसका सीधा असर शहर के अस्पतालों में देखा जा सकता है। जयारोग्य अस्पताल और जिला अस्पताल के फिजियोथैरेपी विभाग में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
वर्तमान में जयारोग्य अस्पताल में रोज़ाना 150 से 200 लोग फिजियोथैरेपी के लिए पहुँच रहे हैं, जबकि जिला अस्पताल में यह आंकड़ा 40 से 45 मरीजों तक पहुँच चुका है।

कमर दर्द से सबसे ज्यादा परेशान मरीज, फिजियोथैरेपी ओपीडी में बढ़ रही भीड़

फिजियोथैरेपी विभाग में आने वाले मरीजों के आंकड़े बताते हैं कि तकरीबन 40 फीसदी लोग नियमित तौर पर लंबे समय से इलाज ले रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले कमर दर्द के हैं, जो कुल मरीजों का लगभग आधा हिस्सा बनाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी दिन ओपीडी में 40 लोग आते हैं तो उनमें से करीब 20 सिर्फ कमर दर्द की समस्या लेकर पहुँचते हैं। इसके बाद गर्दन और कंधे का दर्द दूसरी सबसे आम शिकायत है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोग तब तक फिजियोथैरेपी का सहारा नहीं लेते जब तक दर्द असहनीय न हो जाए। यही वजह है कि शुरुआती मामूली तकलीफ समय पर इलाज न मिलने से गंभीर बीमारी में बदल जाती है। 

कंप्यूटर पर घंटों काम का साइड इफेक्ट: युवाओं में तेजी से बढ़ रहा पीठ और गर्दन का दर्द

जयारोग्य अस्पताल के फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. वैभव चौबे बताते हैं कि युवा पीढ़ी में कमर, गर्दन और घुटनों की परेशानी तेजी से बढ़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कंप्यूटर और लैपटॉप पर लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहना। लगातार बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों पर सीधा दबाव पड़ता है, जो आगे चलकर गंभीर तकलीफ का रूप ले लेता है। यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों में अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले युवा मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह:

  • रोज़ाना कम से कम आधे घंटे धूप में समय बिताएँ, यह हड्डियों के लिए बेहद ज़रूरी है।
  • लंबे समय तक लगातार न बैठें। हर घंटे में कुछ मिनट उठकर चलें-फिरें।
  • संतुलित खानपान और नियमित व्यायाम को अपनी आदत बनाइए।
  • अगर दर्द बढ़ रहा है तो तुरंत फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ से संपर्क करें, समस्या को अनदेखा न करें।
  • योग, प्राणायाम और सूर्यनमस्कार लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन अगर परेशानी है तो इन्हें केवल विशेषज्ञ की सलाह से ही करें

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